ब्रह्माकुमारी संस्थान के ज्ञान सरोवर में राष्ट्रीय शिक्षा सम्मेलन शुरू
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के ज्ञान सरोवर अकादमी में शुक्रवार को आध्यात्मिक शिक्षा के माध्यम से वैश्विक परिवर्तन विषय पर तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया I अजमेर एमडीएस यूनिवर्सिटी कुलपति प्रो. अनिल शुक्ला ने कहा कि शिक्षा व्यवस्था में सुधार की जरूरत हैI शिक्षा और साक्षरता की बारीकियों को समझकर उन्हें आत्मसात करने का पुरुषार्थ करना चाहिएI संस्कार अच्छे होंगे तो घर, परिवार, समाज, देश व विश्व बदलेगा I सही शिक्षा वही होती है जो जीवन में सच्ची खुशी व शांति प्रदान करेंI संगठन की संयुक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी सुदेश दीदी ने कहा कि माँ-बाप की जीवनशैली बच्चों के लिए दर्पण की तरह होती हैI आध्यात्मिक शिक्षा की शुरुआत पहले माता-पिता से होती है, इनके जीवन से बच्चे स्वतः सीख जाते हैंI उन्हीं संस्कारों के अनुरूप बच्चों की जीवनशैली निर्धारित होती हैI देहअभिमान की स्थिति में की बात से दैहिक विकृतियों का जन्म होता हैI हैदराबाद उस्मानिया यूनिवर्सिटी वाइस चांसलर प्रो. डी. रवीन्द्र यादव ने कहा कि आध्यात्मिक शिक्षा जीवन की संजीवनी है जो हर परिस्थिति को सूझबूझ से सामना करने की ऊर्जा देती हैI शिक्षा का लक्ष्य केवल किताबें पढ़ लेना नहीं है, उसे आचरण में लाने का पुरुषार्थ करना चाहिएI
महाराष्ट्र परभणी बसंतराव नाइक मराठवाडा़ कृषि विद्यापीठ कुलपति डॉ. इंद्रमणि ने कहा कि चरित्रवान व्यक्ति दूसरों को नीचा नहीं बल्कि उन्हें आगे बढ़ाने के लिए सदैव सहयोग देने की मानसिकता रखता हैI व्यक्तित्व विकास के लिए केवल सूचना नहीं बल्कि उस ज्ञान को कर्मों में उतारने को दृढ़ संकल्पित होना चाहिएI
स्व परिवर्तन से ही विश्व परिवर्तन की रखी जा सकती है नींव
शिक्षा प्रभाग के अध्यक्ष बीके मृत्युंजय ने कहा कि हमें आंतरिक शक्तियों की पहचान होनी चाहिएI जब हम अपनी क्षमताओं का प्रयोग करने लगेंगे तो जीवन में स्पष्ट रूप से देवत्व छलकने लगेगाI ज्ञान सरोवर निर्देशिका बीके प्रभा दीदी ने कहा कि स्व परिवर्तन से ही विश्व परिवर्तन की नींव रखी जा सकती हैI जीवन को मूल्यवान बनाने के लिए परमात्मा से निरंतर बुद्धियोग जोड़ना होगाI
शिक्षक जिम्मेदारियों का निष्ठा से करें निर्वहन
दिल्ली जेबीएम यूनिवर्सिटी व बाल मंदिर ग्रुप इंस्टीट्यूशन प्रेजिडेंट गुरुदत्त अरोड़ा ने कहा कि शिक्षकों का दायित्व अहम हैI शिक्षकों को शिक्षा प्रणाली को सही रास्ते पर चलाए रखने के लिए जिम्मेदारियों का पूरा कर्त्तव्य निष्ठा से निर्वहन करना चाहिएI शिक्षा प्रभाग की उपाध्यक्ष बीके शीलू बहन ने कहा कि वास्तविक मानव के संस्कार सत्यता, प्रेम, मधुरता, संतुष्टता, सम्मान, दया, करुणा, पवित्रता के होते हैंI कार्यक्रम निदेशक डॉ. पंड्या मणि, दूरस्थ मूल्य शिक्षा कार्यक्रम मुख्यालय संयोजक डॉ. आरपी गुप्ता, बीके सुमन बहन, मुख्यालय संयोजिका शिविका बहन ने विचार व्यक्त किएI
मानवता की सच्ची सेवा ही जीवन की वास्तविक उपलब्धि
अन्तर्राष्ट्रीय मोटिवेशनल स्पीकर, अवेकनिंग विद् ब्रह्माकुमारीज फेम राजयोगिनी बीके शिवानी बहन ने कहा कि मानवता की सच्ची सेवा करने से प्राप्त संतोष ही जीवन की वास्तविक उपलब्धि होती हैI अंतर्मन की आध्यात्मिक प्रज्ञा की आवाज सुनकर निर्णय करने से ही जनहित की भावनाओं को पूर्ण किया जा सकता हैI स्वार्थपूर्ति कार्य करने से समाज को भारी हानि होती हैI सिद्धांतों के साथ किसी भी हालत में समझौता नहीं करना चाहिएI मानवीय मूल्यों को ताक में रखकर किए गए कार्य जीवन भर अपराधबोध का अनुभव कराते हैंI यह बात उन्होंने ब्रह्माकुमारी संगठन के ज्ञान सरोवर में चल रहे शिक्षा सम्मेलन में आए सहभागियों को खुले सत्र में संबोधित करते हुए कहीI
उन्होंने कहा कि संस्कारों को श्रेष्ठ बनाना, राष्ट्रहित में योगदान देने को प्रेरित करने के लिए मूल्यों से परिपूर्ण शिक्षा का होना आवश्यक हैI मूल्यविहीन शिक्षा से ही पारवारिक दूरियां बढ़ रही हैंI
चरित्र की गरीबी को दूर करने में शिक्षक की अहम भूमिका- बीके शिवानी
बीके शिवानी ने कहा कि कंप्यूटर शिक्षा से बौद्धिक विकास संभव है लेकिन चरित्रवान संस्कारों का निर्माण असंभव हैI नैतिक मूल्यों से संपन्न शिक्षक ही शिक्षा के माध्यम से चरित्र की गरीबी को दूर कर सकते हैंI कंप्यूटर ज्ञान प्रदान करने का संवेदना शून्य माध्यम है, शिक्षक, विद्यार्थी में व्याप्त अज्ञानता को दूर करके संस्कारों को श्रेष्ठ बनाने का पुण्य कार्य करता हैI
सम्मेलन में देश के विभिन्न राज्यों की यूनिवर्सिटी, कॉलेजों, विद्यालयों से आए कुलपति, शिक्षाशास्त्री मौजूद थेI
Press Release 2:
माउंट आबू ज्ञान सरोवर 18 अप्रैल 2024.
आज ज्ञान सरोवर के हार्मनी हाल में राजयोग एजुकेशन & रिसर्च फाउंडेशन की भगिनी संस्था ब्रह्मा कुमारीज शिक्षा प्रभाग द्वारा एक अखिल भारतीय शिक्षाविद सम्मेलन का आयोजन हुआ. इस सम्मेलन में आध्यात्मिक शिक्षा द्वारा वैश्विक परिवर्तन नामक विषय पर गंभीर चर्चा हुई. इस सम्मेलन में देश के विभिन्न हिस्सों से बड़ी संख्या में प्रतिनिधियों ने भाग लिया. दीप प्रज्वलन द्वारा सम्मेलन का उद्घाटन संपन्न हुआ.
संस्थान की संयुक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी सुदेश दीदी जी ने सम्मेलन को अपना आशीर्वचन देते हुए कहा की आत्म परिवर्तन ही जीवन परिवर्तन है. इस सम्मेलन का विषय है आध्यात्मिक शिक्षा से वैश्विक परिवर्तन. किसी भी प्रकार के बड़े परिवर्तन के लिए आध्यात्मिक शिक्षा आवश्यक है. आध्यात्मिक शिक्षा द्वारा सर्वप्रथम हम समझते हैं कि हम सभी शरीर से अलग अजर अमर आत्मा है. आत्मा के इस ज्ञान से संस्कार परिवर्तन करना सहज होता है. जब माता-पिता और अन्य वरिष्ठ अपना संस्कार परिवर्तन करते हैं तब वह संसार का संस्कार परिवर्तन कर पाएंगे. जब आत्मा परमपिता परमात्मा से संकल्पना के आधार पर जुड़ती है तो आत्मा के अंदर धीरे-धीरे ईश्वरीयता प्रवेश करती है. मनुष्य के अंदर देवत्व भरता जाता है.
ब्रह्माकुमारीज शिक्षा विभाग के अध्यक्ष, राज योगी मृत्युंजय भाई ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की. आपने कहा की परमपिता परमात्मा हमारे पिता शिक्षक और सद्गुरु है. परमपिता परमात्मा हमें आध्यात्मिक शिक्षा देते हैं. इस आध्यात्मिक शिक्षा से ही सर्वांगीण परिवर्तन होता है. परिवर्तन के लिए आध्यात्मिक शिक्षा परम आवश्यक है. ब्रह्मा कुमारीज में आत्मिक ज्ञान देकर मनुष्य को परिवर्तित किया जाता है. यह ज्ञान हमें देवत्व सिखलाता है. इसी ज्ञान के आधार पर हम संसार के लोगों के संस्कारों को भी परिवर्तित कर पाते हैं.
तेलंगाना विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर डी रविंद्र ने कहा कि मुझे इस सम्मेलन में भाग लेकर काफी प्रसन्नता हो रही है. मैं पिछले कुछ वर्षों से ब्रह्माकुमारीज की आध्यात्मिक शिक्षाओं को अपने जीवन में धारण कर रहा हूं. इस सम्मेलन में मुझे निमंत्रण देकर यहां बुलाने के लिए मैं ब्रह्माकुमारीज़ का शुक्रगुजार हूं.
इस आध्यात्मिक शिक्षा को जीवन में धारण करने से मुझे अपार मानसिक शांति प्राप्त हुई है. हम अपने विश्वविद्यालय में एक इस प्रकार की तकनीक तलाश कर रहे हैं जिसके आधार पर दुनिया के अन्य सभी लोगों को यह आध्यात्मिक ज्ञान दिया जा सके.
बसंत राव कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर डॉक्टर इंद्रमणि ने भी इस सम्मेलन को संबोधित किया. आपने बताया कि 1993 से ही आप यहां की शिक्षाओं को जीवन में धारण करते आए हैं. ब्रह्माकुमारीज़ की शिक्षाएं मूल रूप से बुराइयों का त्याग करना सिखलाती है. इसी वजह से मैं इस संस्थान को शत-शत नमन करता हूं.
आज लोगों का जीवन मूल्यविहीन हो गया है. मूल्यों को जीवन में अपनाना जरूरी है. अगर किसी के जीवन में धन है मूल्य है तो उन्हें इनका सदुपयोग करना चाहिए. अगर हम ऐसा नहीं करते तो हम दुर्जन लोग हैं.
ज्ञान सरोवर की डायरेक्टर राजयोगिनी प्रभा दीदी ने कहा कि आप सभी शिक्षा विद यहां परमात्मा के निमंत्रण पर पधारे हैं. यह आप सभी का बहुत बड़ा भाग्य है. मूल्यहीन जीवन को संपन्न करने के लिए आध्यात्मिक शिक्षा आवश्यक है. लोभ लालच और हर चीज बहुत अधिक प्राप्त करने की लालसा के कारण हमारा जीवन दुखी हो गया है. हमारी शांति समाप्त हो गई है. इन भावनाओं को सीमित करके और राजयोग का अभ्यास करके हम सुख शांति प्राप्त कर सकेंगे.
JBM विश्वविद्यालय के अध्यक्ष प्रोफेसर गुरुदत्त अरोड़ा ने कहा की शिक्षा के अलावा दूसरा कोई माध्यम नहीं है जिससे परिवर्तन लाया जा सके. हम अगर अपने जीवन में सम्मान चाहते हैं तो हमें सभी को सम्मान देना होगा. सुख पाने के लिए सुख देना होगा. बच्चों विद्यार्थियों के जीवन में परिवर्तन लाने के लिए सर्वप्रथम हमें अपने जीवन में परिवर्तन लाना है. आपने बताया कि आप अपने शैक्षणिक संस्थानों में पर्यावरण की वृद्धि के लिए भी काफी कार्य करते हैं.
महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अनिल शुक्ला ने कहा कि मैं यहां इसलिए आया हूं ताकि मैं अपने जीवन को कुछ बदल सकूं. मेरे अपने जीवन में बदलाव से मैं दूसरों को भी प्रेरित कर पाऊंगा. यहां के माहौल से यह बिल्कुल स्पष्ट हो जाता है कि यहां के लोगों के जीवन में भी श्रेष्ठता सौम्यता और पवित्रता भरी हुई है. ऐसा नहीं है की मात्र परिसर खूबसूरत है बल्कि यहां के साधक भी श्रेष्ठ और खूबसूरत है. यह जान लेने पर कि मैं कौन हूं, मनुष्य का जीवन सफल हो जाता है.
सम्मेलन के प्रारंभ में ही मूल्य एजुकेशन के अखिल भारतीय निदेशक डॉक्टर पांडियामणि ने बताया कि आज ब्रह्माकुमारीज़ द्वारा दिया गया मूल्य एजुकेशन ना सिर्फ भारतवर्ष में बल्कि विदेशों में भी सक्रिय है. 2009 से ही भारतवर्ष के विश्वविद्यालय में मूल्य शिक्षा विधिवत रूप से दी जा रही है.
ब्रह्माकुमारीज़ शिक्षा प्रभाग की उपाध्यक्षा राजयोगिनी शीलू दीदी जी ने राजयोग के बारे में विस्तार से प्रकाश डालते हुए राजयोग का अभ्यास भी करवाया. डॉक्टर आरपी गुप्ता, वैल्यू एजुकेशन के मुख्यालय संयोजक ने पधारे हुए शिक्षाविदों के प्रति आभार प्रकट किया. मधुर वाणी ग्रुप ने सुंदर गीत संगीत द्वारा सभी पधारे हुए शिक्षाविदों का सम्मान तथा मनोरंजन किया. ब्रह्माकुमारी सुमन बहन, ब्रह्माकुमारीज़ शिक्षा प्रभाग की राष्ट्रीय संयोजक ने आज के कार्यक्रम का संचालन किया.